Mahatma Gandhi Jayanti: झारखंड और आदिवासियों से बहुत प्रभावित थे महात्मा गांधी
अनुज कुमार सिन्हा
Mahatma Gandhi Jayanti: दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के बाद महात्मा गांधी ने जो पहला बड़ा आंदोलन किया था, वह था चंपारण आंदोलन. इस आंदोलन की सफलता ने पहली बार गांधी जी की ताकत से देश को अवगत कराया था. गांधी जी की ताकत को बढ़ाने में झारखंड का संबंध भी रहा है. चंपारण आंदोलन पर वार्ता के लिए गांधी जी को जून, 1917 में रांची बुलाया गया था. तब सर एडवर्ड गेट लेफ्टिनेंट गवर्नर थे. ऐसी आशंका थी कि रांची में गांधी जी को गिरफ्तार किया जा सकता है, इसलिए गांधीजी ने पत्नी कस्तूरबा गांधी और बेटे को भी रांची बुला लिया था.
गांधी जी ब्रजकिशोर प्रसाद के साथ रांची आये. सर गेट के साथ गांधी जी की इतनी अच्छी वार्ता हुई कि गिरफ्तारी की जगह एक कमेटी बना दी गयी. यहीं से गांधी जी का संबंध झारखंड से बना. उसके बाद 1925, 1934 और 1940 में गांधी जी झारखंड आये. अपने झारखंड दौरे में वे रांची के अलावा जमशेदपुर, चाईबासा, रामगढ़, हजारीबाग, गिरिडीह, बेरमो, धनबाद, देवघर, मधुपुर, पलामू, खूंटी, चक्रधरपुर आदि जगहों पर गये. गांधीजी की यात्रा का गहरा असर पड़ा था. वे खुद झारखंड की प्राकृतिक खूबसूरती और यहां के आदिवासियों से प्रभावित थे. इसका उन्होंने जिक्र भी किया था.
झारखंड ने गांधीजी को ताकत दी थी. 1925 में गांधीजी चाईबासा गये थे, जहां हो समुदाय के लोगों से मिले थे. उनसे आदिवासियों की वीरता की कहानी सुनी थी. वहां से रांची लौटने के दौरान........





















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