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कोयला पर घटती निर्भरता
शेष विश्व की तरह भारत भी बिजली उत्पादन के लिए लंबे समय से कोयले पर निर्भर रहा है. तेल और गैस जैसे जीवाश्म ईंधन भी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति का बड़ा आधार रहे हैं. ये स्रोत बड़े पैमाने पर प्रदूषण के कारण रहे हैं. कोयले के खनन और ढुलाई से भी पर्यावरण को नुकसान होता है तथा तेल एवं गैस की खरीद पर बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ती है. देश में गैस और तेल उत्पादन से भी अनेक समस्याएं पैदा होती हैं. पर स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन और उपभोग में बढ़ोतरी से इनके उपयोग में उत्साहजनक कमी आने लगी है. साल 1966 के बाद यानी लगभग छह दशकों में पहली बार ऐसा........
© Prabhat Khabar
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