मीडिया पर रोक अनुचित
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि अदालतों द्वारा किसी खबर के प्रकाशन पर रोक लगाने से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा जनता के जानने के अधिकार पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. मीडिया संस्थानों का पक्ष सुने बिना या उनकी गैर-मौजूदगी में तो ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए. देश की प्रमुख अदालत ने यह भी कहा है कि विशेष मामलों में ही खबरों को छापने से रोका जाना चाहिए, अन्यथा सुनवाई के पूरे होने के बाद ऐसे फैसले किये जाने चाहिए. अदालत ने इन निर्देशों के साथ निचली अदालत के एक फैसले को निरस्त कर दिया, जिसे दिल्ली उच्च न्यायालय ने सही ठहराया था. इस प्रकरण में जी........
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