barauli asembali : जात-पात के शोर में दब रहा विकास का मुद्दा |
बरौली. जैसे-जैसे समय आगे गुजरता गया है, चुनावों में शोर बढ़ता जा रहा है. पहले के चुनाव मुद्दे पर लड़े जाते थे, अब तो हर तरफ अपनी जाति का शोर सुनने में आ रहा है. इस जातिगत शोर में विकास का मुद्दा पुरी तरह दब गया है, भूल कर भी कहीं से विकास की बात नहीं सुनी जा रही. चुनाव प्रचार की व्यवस्था अब पूरी तरह बदल गयी है, पहले साइकिल, बाइक या बैलगाड़ी से चुनाव प्रचार होता था, खूब होता तो एक भोंपू ले लिया जाता, लेकिन अब चमचमाती........