“बताओ तुम किसके साथ बैठते हो, हम बता देंगे तुम कहां पहुंचोगे”, चाणक्य की ये सीख पढ़ लें वरना करियर तबाह

Chanakya Niti: कहा जाता है कि व्यक्ति अपने विचारों और व्यवहार का प्रतिबिंब उसके परिवेश में ही देखने को मिलता है. आपने बड़े बुजुर्गों के मुंह से हमेशा सुना होगा कि तुम किसके साथ बैठते हो, यही तय करता है कि तुम कहां पहुँचोगे”. वहीं, इस बारे में चाणक्य का भी सपष्ट कहना था कि व्यक्ति अकेला नहीं बनता, वह अपनी संगति से बनता है. यही चीज आज की आधुनिक लाइफस्टाइल, सोशल मीडिया, कॉलेज लाइफ, कॉरपोरेट और रोजमर्रा की जिंदगी में पहले से कहीं ज्यादा प्रासंगिक है.

चाणक्य ने अपने श्लोक में लिखा है कि सज्जन संगति किम न करोति पुंसाम, दोषग्रहं हीनकथा कथानाम. इसका मतलब है कि........

© Prabhat Khabar