एनडीए के ‘गेम चेंजर’: चिराग पासवान ने कैसे बदला बिहार चुनाव का समीकरण? |
–एडवोकेट राकेश कुमार सिंह,चेयरमैन, भारत उत्थान संघ, खाना चाहिए फाउंडेशन, महाराणा प्रताप फाउंडेशन–
Bihar elections : कल्पना कीजिए, एक युवा नेता जो अपने पिता की मौत के बाद सब कुछ खो देता है – पार्टी, साथी, यहां तक कि नाम और चुनाव चिह्न भी. लेकिन वह हार नही मानता बल्कि और मजबूत होकर वापस आता है. ये कहानी है चिराग पासवान की, जिन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अपनी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को आसमान छूने वाली सफलता दिलाई. एनडीए ने कुल 202 सीटें जीतीं, जिसमें भाजपा को 89 और जेडीयू को 85 मिलीं. लेकिन सबसे ज्यादा तालियां चिराग की पार्टी को मिलीं. 2020 में सिर्फ एक सीट जीतने वाली पार्टी 2025 में 28 में से 19 सीटें जीतकर रिकार्ड बनाती है! स्ट्राइक रेट के मामले में तो चिराग ने सबको पछाड़ दिया. ये सिर्फ चुनावी जीत नहीं बल्कि एक इंसान के जज्बे, मेहनत और कभी ना झुकने वाली हिम्मत की जीत है. एक ऐसी कहानी जो हार से शुरू होकर कामयाबी के शिखर पर पहुंची.
ये सब शुरू हुआ 28 नवंबर 2000 को, जब दलितों के मसीहा कहे जाने वाले रामविलास पासवान ने लोक जनशक्ति........