निमोनिया को लेकर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत |
–डॉ राहुल शर्मा , पल्मोनोलॉजिस्ट–
Pneumonia : वैश्विक स्वास्थ्य कैलेंडर के अनुसार, 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य इस रोग के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है, जो हर वर्ष लाखों लोगों की जान ले लेता है. दुनियाभर के आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि निमोनिया बच्चों और बुजुर्गों की मृत्यु का एक प्रमुख कारण है. भारत में भी यह समस्या अत्यंत गंभीर बनी हुई है. सांसों का यह संक्रमण पूरे देश में एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बना हुआ है.
वास्तव में, निमोनिया फेफड़ों का एक संक्रमण है, जो तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस या फंजाई (कवक) फेफड़ों पर आक्रमण कर देते हैं. इससे फेफड़ों की छोटी वायु थैलियों में सूजन और तरल पदार्थ जमा हो जाता है. इस कारण रोगी को बुखार, खांसी, सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. वैसे तो इस संक्रमण का प्रमुख कारण विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया, विशेषकर स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनी बैक्टीरिया हैं, पर अन्य रोगाणुओं से होने वाले निमोनिया भी अब आम होते जा रहे हैं. कई चिकित्सा रिपोर्ट बताती हैं कि कोविड के बाद वायरल निमोनिया के मामलों में भी वृद्धि दर्ज हुई है. वायरल निमोनिया के मामले कहीं अधिक गंभीर होते हैं और मानक दवाओं सहित नियमित उपचार के बावजूद रोगी को बहुत अधिक आराम नहीं मिलता........