सूरज और हवा नहीं, समंदर के खारे पानी से बनाई बिजली, जापान ने शुरू किया चौंकाने वाला पावर प्लांट

Japan Generates Electricity From Seawater: जापान ने अगस्त की शुरुआत में रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया. जापान के क्यूशू द्वीप के उत्तरी तट पर स्थित फुकुओका शहर में एशिया का पहला ऑस्मोटिक पावर प्लांट खोला गया. फुकुओका जिला जल विभाग के अनुसार, यह प्लांट 5 अगस्त से चालू है और सालाना 8,80,000 किलोवाट-घंटे बिजली पैदा कर सकता है. यह बिजली लगभग 220 जापानी घरों को चलाने या क्षेत्र में जलशोधन प्लांट के लिए पानी सपोर्ट करने के लिए पर्याप्त है.

वैश्विक स्तर पर यह केवल दूसरा प्लांट है जो ऑस्मोटिक पावर का इस्तेमाल करता है. पहला प्लांट 2023 में डेनमार्क की साल्टपावर कंपनी ने शुरू किया था. खास बात यह है कि इसकी ऊर्जा का स्रोत सूरज या हवा नहीं, बल्कि ताजे पानी और नमकीन पानी (समुद्री जल) का नेचुरल इंटरैक्शन है, जिसे ऑस्मोसिस कहा जाता है.

ऑस्मोसिस, जिसे ब्लू एनर्जी या सालिनिटी-ग्रेडिएंट पावर भी कहा जाता है, पानी के अणुओं की प्राकृतिक गति से ऊर्जा बनाता है. आसान भाषा में समझें तो दो कंटेनर हैं, एक में ताजे पानी और दूसरे में नमकीन पानी. इनके बीच एक सेमीपर्मेबल मेम्ब्रेन है. पानी स्वाभाविक रूप से ताजे पानी से नमकीन पानी की ओर जाता है ताकि कंसंट्रेशन संतुलित हो. इस प्रक्रिया से दबाव बनता है, जिसे टरबाइन घुमाने और बिजली बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

फुकुओका के प्लांट में एक तरफ ट्रीटेड वेस्टवाटर और दूसरी तरफ जलशोधन का उप-उत्पाद ब्राइन का इस्तेमाल किया गया है.........

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