Chhath 2025: सात समंदर पार बर्मिंघम से फ्रैंकफर्ट तक छठ की दिख रही छटा |
Chhath 2025: नौकरी, रोजगार व अन्य कारणों से लोगों ने बिहार से विदेशों की यात्रा की और सफलता भी पायी, लेकिन अपनी लोक परंपराओं को नहीं छोड़ा. इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है लोक आस्था का पर्व छठ. पर्व पर घर नहीं आ पाने की मजबूरी में जो जहां बसे हैं वहीं छठ करते हैं. इससे इस पर्व का प्रसार विदेशों में भी हुआ. इस कठिन व्रत को देख कर विदेशी भी प्रभावित हुए. बिहार के रहनेवाले छठव्रतियों से प्रभात खबर ने बातचीत की. पेश है उनकी बातचीत की विस्तृत रिपोर्ट..
मैक्सिको से आता है गन्ना, अमेरिकी स्टोर में मिलता है दउरा
पटना के बोरिंग रोड की प्रीति सिन्हा अमेरिका के ह्यूस्टन (टेक्सास) में रहती है. प्रीति ने बताया कि छठ पूजा श्रद्धा से मनाया रहा है. वहीं, ह्यूस्टन में रहने वाली संध्या सिंह ने बताया कि उनके मुहल्ले में प्रीति सिन्हा हर साल पर्व करती है. गन्ना चाइनीज दुकानों पर मिलती है, जो मेक्सिको से आती है. उन्होंने बताया कि दउरा अमेरिकन क्राफ्ट स्टोर पर भी मिल जाती है. संध्या ने बताया कि छठ के सारे नियम नहाय-खाय, खरना, ठेकुआ और पारन इंडिया जैसा ही किया जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि अब विदेशी लोग भी दीपावाली और छठ में रुचि दिखाने लगे हैं. परमिशन की जटिलताओं के कारण नदी या झील के किनारे छठ करने के बजाय लोग घर में ही अर्ध देते हैं. जिनके घर में........