जी-20 सम्मेलन में दिखा भारत का कद |
G-20 summit : दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में संपन्न हुआ जी-20 शिखर सम्मेलन इस संगठन के लिए भी सुखद रहा और भारत के लिए भी. यह पहला मौका था, जब जी-20 सम्मेलन अफ्रीकी धरती पर आयोजित हुआ. अमेरिका के पास जी-20 की अगली अध्यक्षता होगी. परंतु दक्षिण अफ्रीका पर नस्लीय भेदभाव का आरोप लगाते हुए उसने इस सम्मेलन का बहिष्कार किया. उसका न होना एक तरह से अच्छा ही था, क्योंकि उसकी मौजूदगी में जी-20 का घोषणापत्र जारी नहीं हो सकता था. गहराई से देखें, तो इंडोनेशिया, ब्राजील, भारत और दक्षिण अफ्रीका में हुए जी-20 के सम्मेलन सफल तो रहे ही, इन सम्मेलनों में विकासशील देशों के एजेंडे पर भी खुलकर बात हुई.
दक्षिण अफ्रीका में हुए सम्मेलन में चार प्रमुख प्राथमिकताओं पर सशक्त संदेश दिया गया है. इनमें आपदा प्रतिरोधक क्षमता और प्रतिक्रिया को मजबूत करना, निम्न आय वाले देशों के लिए ऋण स्थिरता सुनिश्चित करना, सतत आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का दोहन और न्यायसंगत ऊर्जा परिवर्तन के लिए धन जुटाना शामिल हैं. भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान की गयी कई पहल और उसके नतीजे निरंतर सामने आ रहे हैं, गति पकड़ रहे हैं और समूह में ठोस प्रगति में परिवर्तित हो रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका ने अपनी अध्यक्षता के दौरान भारत के प्रयासों को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया है. इस संदर्भ में यह नहीं भूलना चाहिए कि दो साल पहले नयी दिल्ली की अध्यक्षता के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अफ्रीकी संघ को जी-20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया था.
एक बात और है. अमेरिका को छोड़ कर जी-7 के सभी देशों की न सिर्फ........